मध्य प्रदेश

MP News: MP में इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण शुरू, अफसरों ने पकड़ी घर-घर की चौखट

MP में इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण शुरू, अफसरों ने पकड़ी घर-घर की चौखट

MP News: प्रदेश में विकास की रफ्तार अब इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिए और तेज़ होने जा रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए सरकार ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। लेकिन इस बार प्रशासन ने नया तरीका अपनाया है — अधिकारियों की टीम घर-घर जाकर ज़मीन मालिकों से संवाद कर रही है, उन्हें मना रही है, और व्यक्तिगत स्तर पर भरोसा दिला रही है कि उन्हें उनका उचित हक और मुआवज़ा मिलेगा।

इस कॉरिडोर से ना सिर्फ औद्योगिक विकास को बल मिलेगा, बल्कि आसपास के इलाकों में रोज़गार, ट्रांसपोर्ट और बुनियादी ढांचे की सुविधा भी बढ़ेगी। यही वजह है कि ज़मीन मालिकों को मनाने का काम केवल कागज़ी नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर इंसानी जुड़ाव के साथ किया जा रहा है। कुछ जगहों पर प्रशासन ने ग्राम सभाएं बुलाई हैं, तो कहीं-कहीं चाय पर चर्चा जैसे संवाद कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

अब तक 250 बीघा से अधिक जमीन पर सहमति बन चुकी है। 700 से अधिक आपत्तियों का निपटारा कर दिया गया है। एमपीआईडीसी कॉरिडोर के लिए भूस्वामियों से भूमि के लिए सहमति पत्र ले रहा है। बुधवार तक 800 से अधिक भूस्वामियों ने आपत्ति जताई है, जिनमें से अधिकांश भूमि देने पर सहमत हो गए हैं।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है

एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौर(Rajesh Rathore, Executive Director, MPIDC) ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जहां कार्यालय में मेले और सुनवाई का आयोजन किया गया है। इस बीच, विभाग के अधिकारी और कर्मचारी(Officers and employees of the Department) भूस्वामियों के घरों का दौरा कर रहे हैं।

यहां उन्हें मुआवजा नीति, आवंटन, प्रक्रिया आदि के बारे में बताया जा रहा है। इस दौरान भूस्वामियों की शंकाओं का समाधान भी किया जा रहा है। अब तक वे सिंडोरा, सिंडोरी, नावदापंथ, बिसनावदा और रिजलाय गांवों के भूस्वामियों से मिल चुके हैं, जिनमें से अधिकतर लोग समझाइश के बाद सहमत हो गए हैं।

36 प्रतिशत भूमि विकसित होगी

MPIDC Land Acquisition नीति के तहत 60 प्रतिशत भूमि का विकास कर उसे भूस्वामियों को देगा, लेकिन भूमि का यह हिस्सा भूस्वामियों द्वारा दी गई भूमि का केवल 36 प्रतिशत ही होगा। क्योंकि परियोजना में 40 प्रतिशत भूमि का उपयोग विकास के लिए किया जाएगा।

यह सम्पूर्ण परियोजना

पीथमपुर आर्थिक गलियारा 19.6 किलोमीटर लम्बी और 75 मीटर चौड़ी सड़क के दोनों ओर 300-300 मीटर के बफर जोन में विकसित किया जाएगा। यह 17 गांवों की कुल 1331 हेक्टेयर भूमि पर फैला हुआ है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2,410 करोड़ रुपये है और इसे तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button